अंधेरे-अकेलेपन से डरने वाले मानसिक बीमार पिता ने 9 साल के बेटे को फंदे पर लटका कर मारा, बाद में खुद भी झूल गया - NEWS E HUB

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Saturday, 20 June 2020

अंधेरे-अकेलेपन से डरने वाले मानसिक बीमार पिता ने 9 साल के बेटे को फंदे पर लटका कर मारा, बाद में खुद भी झूल गया

शहर की वधावाराम कॉलोनी में खन्ना चौक के पास शुक्रवार दोपहर को दिल दहलानेे वाली घटना हुई। 12 साल से मानसिक बीमार पिता ने पहले अपने 9 साल के मासूम बेटे को फंदे पर लटका कर मारा डाला, फिर खुद भी झूलकर जान दे दी। वह अंधेरे और अकेले में रहने से डरता था। माता-पिता, पत्नी व बड़ा बेटा अपने काम से घर से बाहर गए थे। पिता-पुत्र कमरे में अकेले थे, तभी पिता ने वारदात को अंजाम दे दिया। पुलिस ने सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया है।

बच्चे के दादा की शिकायत पर किला थाना पुलिस ने मृतक के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया है। कैथल के डीग गांव का सतपाल नैन पुत्र लखमी चंद करीब 32 साल से खन्ना चौक के पास रह रहे हैं। उनका बड़ा बेटा 35 वर्षीय मनदीप नैन, उसकी पत्नी नीति, 12 साल का बेटा केशव व 9 साल का बेटा केतन पहली मंजिल और सतपाल, उनकी पत्नी कमलेश, छोटा बेटेा आनंद उर्फ लाडी, उसकी पत्नी काजल व एक साल का बच्चा ग्राउंड फ्लोर पर रहते थे।

सतपाल ने बताया कि शुक्रवार सुबह वह पत्नी कमलेश के साथ डीग गांव जा रहा था। पोते केशव जिद करने लगा तो उसे भी साथ ले गए। छोटा बेटा लाडी बिजनेस के सिलसिले में सोनीपत व फरीदाबाद के लिए निकला था। नीति मायके चली गई। घर पर मनदीप, उसका छोटा बेटा केतन और छोटी बहू काजल थी। मनदीप ने केतन को फंदे पर लटका कर हत्या कर दी। उसके बाद फिर खुद भी लटक कर जान दे दी।

पिता का शव पंखे पर, बेटे का दरवाजे के हैंगर पर लटका था
सतपाल ने बताया कि घर पर ही लेडीज गारमेंट मैन्युफेक्चरिंग का काम है। दोपहर 1 से 2 बजे के बीच लेबर लंच पर गई थी। लौटी तो कमरे में देखा कि मनदीप का शव पंखे पर लटका था और बच्चे का शव दरवाजे के पीछे कपड़े टांगने वाले हैंगर पर लटका था। दो मौत के बाद कॉलोनी में सनसनी फैल गई। गांव से माता-पिता पहुंच गए और फरीदाबाद से भाई लौट आया। पुलिस ने सतपाल की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है।

सुबह 11 बजे पिता से फोन पर पूछा- सामान आया है, कहां रखें
सतपाल ने बताया कि बेटा मनदीप करीब 12 साल से मानसिक रूप से बीमार चल रहा था। अभी कुछ समय से उसकी तबीयत ठीक थी, लेकिन अकेले में डरता था। रात को अकेला नहीं सोता था। कहीं भी अकेले जाने से डरता था। वारदात से पहले सुबह करीब 10 बजे वह अपनी बहन से मिलने डीसी ऑफिस में गया था। करीब 11 बजे उसने पिता से फोन पर बात कर पूछा कि माल आया है, कहां रखना है। इसके बाद वारदात की।

छोटी बहन की शादी की शॉपिंग कराने के लिए गई थी पत्नी
मनदीप की पत्नी नीति का पास की प्रीत विहार कॉलोनी में ही मायका है। उसकी छोटी बहन की करीब 6 दिन बाद शादी है। पिता की मौत हो चुकी है और उसका भाई नहीं है। इसलिए नीति ही शादी की शॉपिंग करा रही है। शुक्रवार को वह बहन के साथ बाजार गई थी। मनदीप के दोनों बेटे कुरुक्षेत्र के महराणा प्रताप स्कूल में पढ़ते थे। इस साल उनका एडमिशन बरसत रोड पर हेरीटेक स्कूल में कराया था। बड़ा बेटा केशव 8वीं में पढ़ता है। जबकि छोटा केतन चौथी कक्षा में था।



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हादसे के बाद पिता-पुत्र की लाश को देखकर लोगों के दिल कांप गए।

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