(संदीप बिश्नोई)खेताें में बेसहारा पशुओं के घुसने से परेशान किसानों के लिए गांव बर्की खेड़ी निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर आलाेक छाबड़ा व हिसार निवासी यश कुमार व विवेक पांडेय ने किसान मित्र नाम से डिवाइस तैयार किया है। जिसके मदद से किसान अपने खेतों में बेसहारा पशुओं काे राेकने के साथ घर बैठे ट्यूबवेल स्टार्ट व बंद कर सकता है। यही नहीं सॉफ्टवेयर इंजीनियर आलाेक ने बताया कि डिवाइस की मदद से किसान फसल में लगने वाली बीमारी व उससे बचने के उपाय भी पता कर सकता है।
किसानाें के लिए तैयार इस डिवाइस पर केवल आठ हजार का खर्च आया है। खेत में इंस्टाॅल करने के बाद डिवाइस में लगे सेंसर खेेत में घुसे बेसहारा पशुओं के अलावा फसल में लगी बीमारी की सूचना मैसेज के द्वारा किसान के पास भेजता रहेगा।
उन्हाेंने बताया कि सेंसर की रेंज की वजह से किसान काे प्रति एकड़ एक डिवाइस काे इंस्टाल करना पड़ेगा। उन्हाेंने बताया कि डिवाइस काे खेत में इंस्टाॅल करने के बाद उसका कनेक्शन किसान के माेबाइल फाेन के साथ कर दिया जाएगा। जिसके बाद खेत में हाेने वाली हलचल का किसान मैसेेज के द्वारा पता कर सकेगा।
यह भी जानिए - डिवाइस में क्या रहेगा खास
बेसहारा पशु घुसने पर - खेत में पशु घुसने पर डिवाइस के द्वारा किसान के माेबाइल पर मैसेज भेज दिया जाएगा। अगर किसान समय पर खेत में नहीं पहुंच पाता है ताे डिवाइस में लगे सेंसर पशु के कानाें में चुभने वाली आवाज निकालने लगेंगे। जिसकी मदद से पशु खुद खेत से बाहर निकल जाएगा।
घर बैठे ट्यूबवेल स्टार्ट व बंद कर सकेंगे
डिवाइस की मदद से किसान अपने घर बैठे ट्यूबवेल काे स्टार्ट कर सकेगा। खेत में उचित मात्रा में नमी हाेने के बाद डिवाइस में लगे सेंसर अपने आप ट्यूबवेल काे बंद कर देगा। जिसकी सूचना भी किसान काे मैसेज के द्वारा मिलेगी।
बीमारी का समाधान निकाल सकेंगे
साॅफ्टवेयर इंजीनियर यह भी दावा करते हैं कि खेत में डिवाइस इंस्टाॅल करने के बाद किसान डिवाइस की मदद से फसल की फाेटाे खींच कर बीमारी का पता लगा सकेंगे। यही नहीं इसके साथ बीमारी से बचने के समाधान भी डिवाइस की मदद से किसान के पास मैसेज के द्वारा पहुंच जाएंगे।
जानिए, मिट्टी की गुणवत्ता का किस तरह लगा सकेंगे पता
साॅफ्टवेयर इंजीनियर आलाेक ने बताया कि अब किसानों काे अपनी मिट्ठी की गुणवत्ता चेक करवाने के लिए कहीं घूमने की जरूरत नहीं है। मिट्टी की गुणवत्ता चेक करने के लिए किसान काे डिवाइस काे थाेड़ी देर के लिए मिट्टी में दबाकर रखना पड़ेगा। उसके बाद डिवाइस में लगे सेंसर मिट्टी की गुणवत्ता का मैसेज किसान के पास भेज देंगे।
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