देश और दुनिया को अपनी चपेट में ले चुके कोरोनावायरस की वजह से हर वर्ग के लोगों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। इसकी वजह से ना सिर्फ कारोबारी बल्कि नौकरीपेशा लोग भी प्रभावित नजर आ रहे हैं। कोरोना की वजह से फैली बेरोजगारी का ऐसा ही कुछ नजारा ब्रिटेन में देखने को मिला। यहां एक इंजीनियरिंग फर्म में सिर्फ 10 पदों के लिए 15,000 इंजीनियरों ने आवेदन किया।
कोरोना के कारण बने हालात
दरअसल, इस साल के अंत तक बर्मिंघम में लोन्त्रा (Lontra) फर्म अपनी नई ब्रांच शुरू करने जा रहा है। इसी के लिए फर्म में सिर्फ 10 पदों के लिए आवेदन मांगे थे, जिसके लिए 15,000 लोगों ने अप्लाय कर दिया। इस बारे में रिक्रूटमेंट एजेंसी ग्लू रिसोर्सिंग के स्टीव स्मिथ होव्स ने कहा कि 10 पदों के लिए इस तरह से किए गए आवेदन कोरोना के कारण फैली बेरोजगारी और मंदी को दर्शाता है।
2 पदों पर 484 लोगों ने किया आवेदन
ऐसा ही कुछ नजारा साउथ वेस्ट लंदन के विंबलडन में देखने को मिला, जहां अलेक्जेंड्रा पब में सिर्फ 2 पदों के लिए करीब 484 लोगों ने आवेदन किया। पब के जनरल मैनेजर मिक डोर बताते हैं कि उन्होंने इन 2 पदों पर भर्ती के लिए ट्विटर पर विज्ञापन डाला था। जिसके बाद कुछ ही घंटों में 400 से ज्यादा लोगों ने इसके लिए अप्लाय कर दिया।
उन्होंने बताया कि इन पदों के लिए उन्होंने दर्जनभर कुछ ऐसे युवाओं से आवेदन की उम्मीद की थी, जिन्हें काम का कम अनुभव हो। लेकिन जब इन पदों के लिए आवेदन भेजे गए तो इनमें से कई लोग अनुभव वाले शो वर्कर, रेस्टोरेंट के मैनेजर आदि थे, जो कोरोना की वजह से अपनी नौकरी गंवा चुके हैं। ऐसा ही कुछ अनुभव फिट्ज्रोविया बैले पब एंड होटल में देखने को मिला, जहां मुट्ठी भर नौकरियों के लिए 400 लोगों ने आवेदन कर दिया।
घंटों काम के बाद भी नहीं मिला वेतन
मौजूदा हालात पर ऑफिस फॉर नेशनल स्टैटिस्टिक्स के उप राष्ट्रीय सांख्यिकीविद् जॉनाथन एथो बताते हैं कि जैसे-जैसे महामारी ने जोर पकड़ा, वैसे- वैसे श्रम बाजार कमजोर होता गया। लेकिन जून में गिरावट की दर धीमी हो गई। वहीं, श्रम बल सर्वेक्षण के मुताबिक रोजगार में छोटी- सी गिरावट पाई गई, हालांकि इस दौरान ऐसे लोगों ने बड़ी संख्या में शिकायत की, जिन्हें घंटों काम करने के बाद भी वेतन नहीं मिला।
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