प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक के बाद नई शिक्षा नीति (National Education Policy 2020) को मंजूरी मिल गई है। 34 साल बाद देश की शिक्षा नीति में बदलाव किए गए हैं।
इससे पहले 1986 में बनी शिक्षा नीति के मुताबिक हमारे देश के सभी स्कूलों में किताबी ज्ञान पर ज्यादा जोर दिया जाता था। साथ ही बच्चे के रिपोर्ट कार्ड पर एक तरफ मार्क्स तो दूसरी तरफ 'बच्चा क्लास में बात बहुत करता है, बच्चा फोकस नहीं करता, आदि' कमेंट्स लिखें जाते थे। लेकिन अब नई शिक्षा नीति के बाद रिपोर्ट कार्ड में कई बदलाव देखने को मिलेंगे।
अब खुद बच्चे भी कर सकेंगे मूल्यांकन
अब टीचर को कार्ड में लिखना होगा कि बच्चे ने कौन से स्किल हासिल किए। इतना ही नहीं बच्चे का रिपोर्ट कार्ड सिर्फ टीचर ही नहीं, बल्कि खुद बच्चा और साथ में उसके सहपाठी भी उसका मूल्यांकन करेंगे। इसके अलावा शिक्षा नीति में हुए बदलाव के मुताबिक अब स्कूल के बच्चों को 10 दिन की इंटर्नशिप भी करनी होगी।
नई शिक्षा नीति की बड़ी बातें:-
- अब स्कूल में शुरूआती 5 सालों में प्ले बेस्ड एक्टिविटीज के जरिए पढ़ाई कराई जाएगी। इसका करिकुलम एनसीईआरटी तैयार करेगा। 3 से 6 साल तक के बच्चे चाहे जो आंगनबाड़ी या प्री-स्कूल पढ़ते हो, उनका कोर्स अब खेलो-पढ़ो-सीखों पर आधारित होगा । इसके लिए शिक्षकों की खास ट्रेनिंग दी जाएगी।
- अब पहली से 5वीं तक के बच्चों ( 6 से 9 साल ) के लिए बेसिक लिट्रेसी, साक्षरता और संख्या ज्ञान पर फोकस करने के लिए नेशनल मिशन सेटअप किया जाएगा। इसके तहत कक्षा तीन तक बच्चे को फाउंडेशन लिट्रेसी को पूरा कराया जाएगा। यानी कक्षा पांच तक आते- आते बच्चे को भाषा और गणित के साथ उसके स्तर का सामान्य ज्ञान की सिखाएगा जाएगा। कक्षा 3 से ही कोर्स ऐसे तैयार किया जाएगा कि बच्चों में शुरु से ही साइंटिफिक टेम्पर डेवलप हो सके।
- वहीं, 6वीं से 8वीं के बच्चों (6 से 8 वर्ष) के लिए मल्टी डिसिप्लिनरी कोर्स होंगे, जो एक्टिविटीज के जरिए पढ़ाएं जाएंगे। इतना ही नहीं 6वीं के बाद से ही स्टूडेंट्स को कोडिंग सिखाई जाएगी, जिसमें 21वीं सदी के स्किल का समावेश होगा। कक्षा 6 से 12वीं तक सारे विषय पढ़ाये जाएंगे, जिसमें वोकेशनल कोर्स भी शामिल किए जाएंगे।
- नई शिक्षा नीति के मुताबिक अब स्कूल में अपना पढ़ाई के दौरान बच्चे को 10 दिन की इंटर्नशिप करनी होगी। इस इंटर्नशिप के तहत बच्चे को विषय के अनुरूप निकटतम वर्कशॉप में जाकर देखना होगा कि जिस वोकेशनल कोर्स का उन्होंने चुनाव किया है, वह काम वास्तव में कैसे होता है।
- कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों के लिए भी मल्टी डिसिप्लिनरी कोर्स होंगे। यानी अगर बच्चा चाहे तो वह साइंस के साथ म्यूजिक ले सकता है। केमेस्ट्री के साथ बेकरी, कुकिंग जैसे विषय लेना चाहे तो ले सकेगा। इसके अलावा बच्चों की प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग पर जोर दिया जाएगा।
- नई शिक्षा नीति के तहत बालिका शिक्षा के लिए भी विशेष व्यवस्था की जाएगी। कस्तूर्बा गांधी बालिका विकास विद्यालय, वो अभी तक कक्षा 8वीं या 10वीं तक हैं। उसे कक्षा 12 तक ले जाया जाएगा।
- साथ ही बोर्ड परीक्षा के महत्व को कम करने के बहुत सारे तरीके सुझाये गए हैं। बोर्ड परीक्षा को दो भागों में बांटा जाएगा- ऑब्जेक्टिव और डिस्क्रिप्टिव। अब बोर्ड में रटे-रटाये प्रश्नों की जांच की बजाय नॉलेज के एप्लीकेशन को टेस्ट किया जाएगा।
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