विद्युत जामवाल के लिए इन दिनों तो खुशी की बात है। एक तरफ तिग्मांशु धूलिया निर्देशित विद्युत जामवाल, अमित साध, विजय वर्मा, कैनी बसुमतारी, श्रुति हसन स्टारर यारा फिल्म जी 5 पर 30 जुलाई को आने वाली है तो वहीं दूसरी तरफ 10 पीपल यू डॉन्ट वॉन्ट मेस विद लिस्ट में शामिल किए गए हैं। फिल्म और लिस्ट में शामिल होने पर एक्टर ने भास्कर से खास बातचीत की है।
यारा की तैयारी के लिए क्या खास की थी?
यारा फिल्म चार दोस्तों की जर्नी की कहानी है। यह चारों बचपन से लेकर 50 की उम्र तक दोस्त रहे हैं तो हम लोग ने 25 साल की उम्र से लेकर 50 साल तक के रोल प्ले लिए किए हैं। इसके लिए मेहनत करनी पड़ी। जब हम यंग थे तो काफी पतले थे। अमित साध ने भी 14 किलो गेन किया तो विजय वर्मा ने भी काफी वजन बढ़ाया। मैंने भी साढ़े 12 किलो वजन गेन किया। तिग्मांशु ने कहा कि बहुत बढ़िया तुम बस थोड़ी दाढ़ी बढ़ा लो तो किरदार के उम्र के लगोगे।
इसके बाद चलने और बोलने का तरीकाे पर भी तिग्मांशु ने हम चारों पर काफी मेहनत किया। तिग्मांशु धूलिया ने जब हमें कास्ट किया था, तब उनके दिमाग में था कि चारों लड़कों की आपस में बननी बहुत चाहिए। उन्होंने अपने स्टाइल में कहा कि लौंडो तुम आपस में दोस्ती कर लेना। उनकी सोच भी यंग लड़कों की तरह ही है। उनका यह कहना ही एक आइस ब्रेकिंग था। उस दिन से हमारी दोस्ती अभी तक कायम है।
असल कहानी पर आधारित है खुदा हाफिज
खुदा हाफिज 14 अगस्त को रिलीज होगी। यह ट्रू स्टोरी है। साल 2008 में जब रिसेशन का दौर आया था। उस समय किस तरह लड़के और लड़की की शादी हुई और दोनों की जॉब छूट गई। वह हिंदुस्तान से बाहर नौकरी करने गए। जब उसकी बीवी पहले दिन नौकरी करने गई तो उसके बाद कभी दिखी नहीं। यह खबर डायरेक्टर फारूक कबीर ने अखबार में पढ़ी थी। उन्होंने हकीकत के मुद्दे को उठाया और उस पर फिल्म बना दी।
खुदा हाफिज की ओटीटी रिलीज पर क्या विचार हैं ?
बहुत सही है। जो सही समय पर सही चीज होती है, वह सही ही होती है। गर्व से कह सकता हूं कि खुदा हाफिज ओटीटी पर आएगी तो पूरी दुनिया देखेगी। यह हकीकत का मुद्दा है। लड़के ने अपनी बीवी को लाने के लिए इसे किस तरह से सॉल्व किया था। खुदा हाफिज में नॉन ट्रेंड इंजीनियर किस तरह अपनी बीवी को दूसरे देश से वापस लेकर आया, यह उसकी कहानी है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में आपको शामिल नहीं किए जाने की क्या वजह रही?
देखिए। कोई आदमी क्या करता है, उसकी वजह तो हम खुद नहीं जानते हैं। इसलिए दूसरे आदमी ने क्या सोचा, वह तो मैं नहीं बता पाऊंगा। बस मुझे जो लगा मैंने उसे ट्वीट कर दिया। मुझे पूरे हिंदुस्तान ने जवाब दिया और उन्होंने जवाब बड़े प्यार के रूप में दिया। मुझे लगता है कि उससे बड़ा जवाब मुझे चाहिए भी नहीं।
बड़ी फिल्में ना मिलने की क्या वजह है?
अगर कोई एक दरवाजा बंद हो जाता है तो कई दरवाजे खुल जाते हैं। यह वही दरवाजे हैं, जिनके खुलने की वजह से आज हम और आप बात कर रहे हैं। अपने आसपास के लोग अगर इनकरेज नहीं करते हैं तो उसे फर्क नहीं पड़ना चाहिए। आज दुनिया के टॉप टेन लोगों में मेरा नाम आया है। जब मैं हिंदुस्तान को इतने बड़े पैमाने पर रिप्रेजेंट कर रहा हूं, तो मुझे लेकर जो भी काम करेगा चाहे वह बड़ा प्रोड्यूसर हो या छोटा, उसके साथ काम करूंगा। मैं खुद को खुशकिस्मत समझता हूं कि जिनके साथ मैंने काम किया है, उन्होंने मुझे काम दिया है। कोई बड़ा छोटा नहीं होता है। यह तो अपने दिमाग में बड़ा-छोटा होता है।
लोगों को बड़े बैनर में काम ना मिलने पर क्या विचार हैं?
मैं सोचता नहीं हूं, सिर्फ करता हूं। बाकी दुनिया जो सोचती है वह कंफ्यूज रहती है। मुझे जिसने पिक्चर दी है, उसकी पिक्चरें की है। मैंने जंगली फिल्म में दुनिया के सबसे बड़े डायरेक्टर चक रसेल के साथ काम किया है जो हॉलीवुड से आए थे। सारी दुनिया ने बोला कि बहुत बड़े आदमी हैं। आखिर उनके साथ काम किया न। मैंने फारूक कबीर के साथ काम किया, मेरे मुताबिक वे बहुत बड़े आदमी हैं। यह सवाल उम्दा है, पर मेरे ऊपर वैलिड नहीं करता है, क्योंकि मैं छोटे-बड़े कि नहीं सोचता हूं। मेरे फादर आर्मी ऑफिसर थे। मैं छोटा ही आदमी था। लोग बड़े छोटे के बात दिमाग में डाल देते हैं, पर यह सोच गलत है। जो आपके साथ अच्छा है, वह बहुत बड़ा आदमी है और जो आपके साथ अच्छा नहीं है, वह कुछ भी नहीं है।
10 पीपल यू डॉन्ट वॉन्ट मेस विद लिस्ट में नाम देखकर क्या रिएक्ट किया?
बहुत खुशी होती है। अपने देश का नाम दुनिया के नक्शे में पहुंचाने की जो खुशी है, वह आपकी पिक्चर 500 करोड़ रुपए कमा ले फिर भी नहीं मिल सकती है। जहां से मैं आता हूं, मैंने स्टारडम का बहुत आनंद लिया और एंजॉय किया। लेकिन यह जो खिताब मिलते हैं, उसकी बेहद खुशी होती है। रशिया के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ आपका नाम जुड़ रहा है। जो दुनिया के पावरफुल में से एक हैं। मेरे लिए यह बहुत गर्व की बात है।
मार्शल आर्ट में आपको पहली बार कब और कैसे रूचि-रुझान हुआ?
मेरे पिताजी आर्मी में थे। इसलिए हम लोग हिंदुस्तान के दुनिया के हर कोने में रहे हैं। यह परिश्रम कम नहीं था। मैं बचपन से सीख रहा हूं। कैलरीपेयट मैंने साउथ से सीखा था। मैं फिल्म इंडस्ट्री में आया था ताकि लोग इस कला को जाने। मैं हाल ही में चाइना गया था जहां दुनिया के सबसे बड़ा जैकी चैन एक्शन अवार्ड शो में मुझे दो अवार्ड मिले था। जब स्टेज पर गया था, तब मुझे सबसे बड़ा अचीवमेंट लगा था, क्योंकि दुनिया का जो सबसे बड़ा मार्शल आर्टिस्ट है, वह मेरे आर्ट के बारे में गर्व से बात कर रहा था।
कोरोना काल में युवाआों को फिट रखने के लिए क्या टिप्स देंगे?
मेहनत करो बेटा और कोई टिप्स नहीं है। अगर सो रहे हो तो इतना सो कि फिर यह मत बोलो कि नींद नहीं आई और अगर जाग रहे हो तो इतना जागो कि तबीयत से नींद आए। मुझे लगता है कि कोरोना काल में वह सब चीजें करो, जो आप करना चाहते हो। घर पर बैठकर बहुत कुछ किया जा सकता है। सिर्फ बॉडी बनाना ही नहीं, मानसिक स्थिति भी सही करो। किताबें पढ़ो, अलग-अलग चीजें देखो। जिस तरफ रुझान है वह सब करो।
हर रोज कितनी वर्कआउट करते हैं और मार्शल आर्ट को लेकर देश में क्या करना चाहेंगे?
जिस दिन छुट्टी होती है उस दिन 8 से 10 घंटा ट्रेनिंग करता हूं। मैं हमेशा अपनी कला पर ही काम करता रहता हूं। मेरा मकसद है कि कैलरीपेयट मार्शल आर्ट के बारे में पूरी दुनिया जाने जो भगवान शिव से लेकर परशुराम तक में आई थी। मैं चाहता हूं कि पूरी दुनिया जाने की हिंदुस्तान की कला है। मैं युट्यूब के जरिए लोगों को अपनी कला के बारे में ज्ञान देता हूं।
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