ब्रायन एक्स चेन. आज के दौर में हम जब भी कोई गैजेट खरीदते हैं तो शायद ही सोचते हैं कि यह कितने दिन टिकेगा। हम उम्मीद करते हैं कि स्मार्टफोन या लैपटॉप का उपयोग तब तक करेंगे,जब तक इसकी बैट्री खत्म नहीं हो जाती या कोई जरूरी सॉफ्टवेयर काम करना बंद न कर दे। किसी न किसी मौके पर हमें लगता है कि हमें अपग्रेड करना होगा। हमारे पास लेटेस्ट कैमरा, तेज काम करने वाली एप्स और बेहतर स्क्रीन होनी चाहिए। हालांकि, यह सब माहौल मार्केटिंग प्रोफेशनल्स का बनाया हुआ है।
सच्चाई यह है कि फोन, कंप्यूटर या टैबलेट जैसे कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स सालों तक चल सकते हैं। हमें इसके लिए बस थोड़ी रिसर्च की जरूरत होगी। अब जब हालात आर्थिक संकट वाले बन गए हैं तो यह उपाय काफी जरूरी भी हो गए हैं।
अपनी जरूरत को पहचानें
सस्टेनेबिलिटी कंसोर्टियम में टेक्निकल डेवलपमेंट एंड इनोवेशन के डायरेक्टर कैरोल मार्स के मुताबिक, यह खरीदने की बात है कि आपको क्या चाहिए, न कि कंपनी आपको आपकी जरूरत बताएं। रणनीति के लिहाज से ज्यादा शेल्फ लाइफ वाले टेक चुनना सही नहीं है।
ऐसे ही कुछ सवाल जो आपको टेक चुनने में मदद करेंगे
क्या इसे रिपेयर कराना आसान है?
- खरीदने से पहले पता करें कि आपका प्रोफेशनल इसे आसानी से सुधार सकता है या नहीं। फिक्सर्स कलेक्टिव के लिए काम करने वाले विंसेंट लाई के मुताबिक इन तरीकों से आप पता कर सकते हैं कि गैजेट सुधर पाएगा या नहीं।
आईफिक्सिट वेबसाइट की मदद लें
यह वेबसाइट आसान रिपेयर पर अपना एनालिसिस देती है। अगर किसी प्रोडक्ट का स्कोर 10 आता है तो इस डिवाइस पर विचार किया जा सकता है।
पता करें कि स्थानीय टेक्नीशियन्स डिवाइस सुधार सकते हैं या नहीं
कई पेशेवर लोकप्रिय ब्रांड्स सुधारते हैं और इनके पार्ट्स भी मौजूद होते हैं। अगर आप किसी कम लोकप्रिय ब्रांड की डिवाइस इस्तेमाल कर रहे हैं तो पहले इसकी सर्विस के बारे में पता कर लें।
क्या बैट्री बदली जा सकती है?
बैट्री का बदला जाना किसी प्रोडक्ट के टिकाऊ होने के साफ संकेतों में से एक है। बिना वायर के काम करने वाले गैजेट्स को पावर लीथियम आयन बैट्री से मिलती है, जो खराब होने से पहले तय संख्या तक ही चार्ज हो सकती हैं।
- ज्यादातर फोन और लैपटॉप्स में ऐसी बैट्री होती है, जिन्हें प्रोफेशनल्स बदल देते हैं। इसके अलावा कई प्रोडक्ट होते हैं, जिनके कंपोनेंट चिपके होते हैं और सील्ड होते हैं। ऐसे में इनकी बैट्री को रिप्लेस करना नामुमकिन हो जाता है।
- वायरलैस इयरफोन्स इसके उदाहरण हैं। एक बार बैट्री के खराब होने के बाद आपको नए ईयरफोन्स लेने होंगे। अगर आप कोई बैट्री प्रोडक्ट लेने का विचार कर रहे हैं तो इंटरनेट पर रिप्लेसमेंट के बारे में पता कर लें।
क्या प्रोडक्ट भरोसेमंद है?
- घरेलू उपकरणों की तरह टेक प्रोडक्ट्स में भी असफल दर होती है। यह दर आपको ब्रांड के भरोसेमंद होने का एहसास कराती हैं। कंज्यूमर रिपोर्ट्स सर्वे की मदद से घरेलू उपकरणों के साथ-साथ स्मार्टफोन, लैपटॉप, टैबलेट, टीवी और प्रिंटर्स का रीलाइअबिलटी डाटा भी जुटाती हैं।
- लाई वेब फोरम्स पढ़ने की सलाह देते हैं। अगर ज्यादा कस्टमर्स ने इसमें परेशानियां बताईं हैं तो इस पर विचार करें।
क्या मुझे ज्यादा खर्च करना चाहिए?
- किसी प्रोडक्ट को देर तक चलाने के विचार के साथ आपको सबसे महंगी डिवाइस खरीदने की जरूरत नहीं है। हालांकि वायरकटर के सीनियर स्टाफ राइटर निक गाय के मुताबिक, इसका मतलब है उन कॉन्फिग्यूरेशन्स में पैसा इनवेस्ट करना जो आपको लंबे वक्त तक खुश रखें।
- अगर आपने ज्यादा खर्च करने के प्लान को बदल दिया है तो भी एक रास्ता है। डॉक्टर मार्स के अनुसार, आप इसी तरह का रीफर्बिश्ड प्रोडक्ट्स देख सकते हैं।
क्या सॉफ्टवेयर अपडेट करना आसान है?
- कई मॉडर्न गैजेट्स में उनकी उम्र के मामले में सॉफ्टवेयर अहम भूमिका निभाते हैं। कंपनी जब सॉफ्टवेयर अपडेट्स देना बंद कर देती हैं तो आप डिवाइस में परेशानी की उम्मीद कर सकते हैं। उदाहरण के लिए एप्स का ठीक से काम न करना।
- इस मामले में आइफोन एंड्रॉयड से आगे है। एप्पल जब भी आईफोन के लिए नया ऑपरेटिंग सिस्टम रिलीज करता है तो आमतौर पर यह पांच साल पुराने फोन में भी काम करता है। इसका मतलब अगर आप आईफोन खरीदते हैं तो हो सकता है अगले पांच साल तक आपको नए फीचर्स और स्टेबिलिटी मिलती रहे।
क्या यह आपकी मुश्किल आसान कर रहे हैं?
- कई सारे स्मार्ट होम गैजेट्स काफी तरह के फायदे देते हैं, जैसे- कैमरे वाला फ्रिज जो दूध की कमी होने पर आपको अलर्ट भेज देगा। याद रखें कि स्मार्ट प्रोडक्ट्स मदद से ज्यादा परेशानियां खड़ी कर सकते हैं। अपने आप चलने वाला ट्रेश केन को बैट्री की जरूरत होती है और इसके दूसरे पार्ट्स भी बिगड़ते हैं। आपको जिस चीज की जरूरत हो केवल वही खरीदें। कभी-कभी हल्के प्रोडक्ट्स भी अच्छा काम कर जाते हैं।
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