ये कहानी शुरू होती है... शनिवार शाम से। जब राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट 10-12 विधायकों के साथ दिल्ली रवाना हो जाते हैं। यहां से सियासी वायरस के शुरुआती लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। रविवार सुबह करीब 9 बजे पायलट कांग्रेस के दिग्गज नेताओं से फोन पर बात करते हैं।
पायलट उनसे कहते हैं कि एसओजी ने विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में मुझे 120बी के तहत बयान लेने का नोटिस भेजा है। 120बी राजद्रोह में लगती है। जबकि, इस मामले में न तो मैं आरोपी हूं, न संदिग्ध। सिर्फ दो लोगों की मोबाइल पर हुई बातचीत के आधार पर मुझे ये नोटिस भेज दिया गया।
इस मामले में बयान लेना तो एक बहाना है। मुझे गिरफ्तार करने की भी साजिश हो सकती है। यहीं से पायलट के सुर बगावती हो जाते हैं। सियासी गलियारों में सचिन पायलट को प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाने व दो डिप्टी सीएम बनाने की अटकलें अलग से चल रही थीं।
क्या घोड़ों के अस्तबल से जाने के बाद ही हम जागेंगे?: सिब्बल
दोपहर 12:27 बजे कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल एक ट्वीट करते हैं- अपनी पार्टी के लिए चिंतित हूं। क्या घोड़ों के अस्तबल से जाने के बाद ही हम जागेंगे? कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल का भी बयान सामने आता है- ‘बात बहुत आगे पहुंच चुकी है। अशोक गहलोत ने कांग्रेस आलाकमान को जानकारी दी है कि सचिन पायलट बीजेपी के संपर्क में हैं और सरकार गिराने की कोशिश कर रहे हैं।’ इन दो बयानों के बाद राजस्थान सरकार डांवाडोल होने की अटकलें और तेज हो जाती हैं। उधर, पायलट कांग्रेस नेताओं का फोन उठाना बंद कर देते हैं।
दोपहर करीब 1:30 बजे होती है भाजपा की एंट्री। ज्योतिरादित्य सिंधिया सबसे पहले अपने पुराने साथी सचिन पायलट से मिलते हैं। सूत्र बताते हैं कि इसके बाद भाजपा प्रवक्ता जफर इस्लाम पायलट से संपर्क साधते हैं। सियासी गुणाभाग का आकलन होता है।
अलग पार्टी बनाने पर भी हो रहा विचार
इस चर्चा के बाद जफर इस्लाम लगातार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपडेट देते रहते हैं और नड्डा पल-पल की जानकारी अमित शाह तक पहुंचाते हैं। गौर करने वाली बात है कि जफर इस्लाम ने ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा में शामिल करने में अहम भूमिका निभाई थी। सूत्रों का कहना है कि पायलट अलग पार्टी बनाने पर भी बात करते हैं।
शाम करीब 5:27 बजे ज्योतिरादित्य सिंधिया ट्वीट करते हैं- मेरे पुराने साथी सचिन पायलट की स्थिति देखकर दुखी हूं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें दरकिनार किया। यह दिखाता है कि कांग्रेस में टैलेंट और क्षमता की कद्र नहीं है।
कई सवाल अब भी अनसुलझे
शाम करीब 6:30 बजे कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और राजस्थान कांग्रेस चुनाव प्रभारी अविनाश पांडे पायलट से बातचीत करते हैं। इस दौरान एक फाॅर्मूले पर चर्चा होती है। यही फाॅर्मूला लेकर सुरजेवाला, अविनाश पांडे व अजय माकन जयपुर रवाना होते हैं।
देर रात करीब 9 बजे लगभग 72 घंटे से चुप्पी साधे सचिन पायलट का सबसे चौंकाने वाला बयान आता है- 30 विधायक मेरे साथ हैं और गहलोत सरकार अल्पमत में है। हालांकि, कई सवाल अब भी अनसुलझे हैं। क्या पायलट भाजपा में जाएंगे? क्या वे सीएम बनने की शर्त पर कांग्रेस में वापस आ सकते हैं? क्या वे अलग पार्टी बना सकते हैं?
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