साउथ डिस्ट्रिक के साइबर सेल ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी नाम और पते पर बैंक अकाउंट खोल जालसाजों की मदद करता था। इसके बदले उसे बैंक अकाउंट में आने वाली ठगी रकम का आठ से दस फीसदी हिस्सा भी मिलता था। आरोपी की पहचान शाहीन बाग निवासी अकरम के तौर पर हुई। वह साल 2017 में अनीस के संपर्क में आकर इस जालसाजी करने वाले नेटवर्क का हिस्सा बन गया। आरोपी दसवीं पास है। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर विभिन्न बैंकों के सोलह एटीएम कार्ड, 32 चेक बुक, 25 पासबुक, मोबाइल बरामद किया है।
डीसीपी अतुल कुमार ठाकुर ने बताया यह गैंग देशभर में बड़ी संख्या में लोगों से एक करोड़ से ज्यादा की ठगी कर चुका था। एक सीनियर डिप्लोमेट भी इस गैंग का शिकार बने थे, जिनके हॉटमेल अकाउंट को हैक करने के बाद जालसाजों ने उनके ईमेल अकाउंट संपर्क वाले लोगों से मदद के नाम पर एक लाख चालीस हजार रुपए ऐंठ लिए थे। इस बाबत धोखाधड़ी और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज था।
इंस्पेक्टर अजीत कुमार की टीम ने बैंक अकाउंट, मोबाइल नंबर पर जांच केंद्रित की। जिसमें पता चला सभी बैंक अकाउंट फर्ज पते के आधार पर खोले गए थे। मुखबीर तंत्र से मिली जानकारी के बाद पुलिस न 25 जुलाई को अकरम को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने फर्जी नाम और पते पर सेविंग और करंट बैंक अकाउंट खोल रखे थे। आरोपी अपने सहयोगी को बैंक अकाउंट की जानकारी दे देता था। वह सहयोगी विदेशी जालसाजों के संपर्क में था।
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