भारत सरकार द्वारा मंजूर की गई नई शिक्षा नीति के मुताबिक बच्चों का रिपोर्ट कार्ड आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस सिस्टम से जोड़ा जाएगा। वर्तमान में रिपोर्ट कार्ड में सिर्फ दो ही पेज होते है। इसके पहले एक पेज पर मार्क्स लिखे होते हैं, जबकि दूसरी साइड पर बच्चों की परफॉर्मेस के बारे में कमेंट लिखे होते हैं। लेकिन अब नए रिपोर्ट कार्ड में तीन तरह के मूल्यांकन किए जाएंगे। इसमें पहला मूल्यांकन खुद बच्चे की तरफ से किया जाएगा। वहीं, दूसरा मूल्यांकन उसके सहपाठी करेंगे और तीसरा मूल्यांकन बच्चे के शिक्षक द्वारा किया जाएगा।
रिपोर्ट कार्ड में हर साल होगा लाइव स्किल की जिक्र
अब हर साल टीचर को इस रिपोर्ट कार्ड में लिखना होगा कि बच्चे में कौन सी लाइव स्किल जोड़ी जानी चाहिए। इसके लिए हर लाइफस्किल के ऊपर चर्चा करता हुआ रिपोर्ट कार्ड बनेगा और सेंट्रल डाटाबेस में उसे सेव किया जाएगा। जब बच्चा बारहवीं पास करके निकलेगा, तब आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस के जरिए यह बता सकेंगे कि पिछले पंद्रह साल में उसने क्या-क्या लाइफ स्किल हासिल किए हैं।
इसके लिए हर एक बच्चे का लर्निंग आउटकम ट्रैक किया जाएगा। नेशनल असेसमेंट सेंटर जिसका नाम 'परख' रखा गया है, वह देश के सभी स्कूल बोर्ड के लिए गाइडलाइन्स तैयार करेंगे। इसके अलावा टीचर के लिए नेशनल प्रोफेशनल स्टैंडर्ड तैयार किया जाएगा, जिसमें टीचर की रोल एक्सपेक्टेशन क्या है। इसका एक स्टैंडर्ड तैयार किया जाएगा, जो पूरे देश में लागू होगा।
आठ भाषाओं में होंगे ऑनलाइन ई-कोर्स
इतना ही नहीं स्टूडेंट्स के लिए कम से कम आठ भाषाओं में ऑनलाइन ई-कोर्स उपलब्ध कराए जाएंगे। असेसमेंट के लिए तकनीकियों का इस्तेमाल किया जाएगा। स्कूल- कॉलेजों में वर्चुअल लैब बनायेंगे, जिस पर आईआईटी मद्रास काम कर रहा है। साथ ही नेशनल एजुकेशन टेक्नोलॉजी फोरम स्थापित किया जाएगा, जिसमें प्राइवेट सेक्टर, गवर्नमेंट सेक्टर, शिक्षाविद, वैज्ञानिक आदि शामिल होंगे। वहीं, किताबें पढ़ना कितना जरूरी है, उस पर फोकस किया जाएगा। इसके लिए बुक्स रीडिंग एंड प्रमोशन पॉलिसी लागू होगी।
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