माॅनसून की रफ्तार ने फिर से तेजी पकड़ ली है। यूपी के रास्ते यह हरियाणा की ओर बढ़ रहा है। अगले 72 घंटे में इसके समूचे हरियाणा में पहुंचने की संभावना बन गई है। हरियाणा के अलावा चंडीगढ़, दिल्ली व पंजाब के अधिकांश इलाकों में यह इसी अवधि में पहुंच सकता है।
मौसम विभाग की मानें तो माॅनसून अबकी बार सामान्य है और हरियाणा में इस बार माॅनसून सीजन जून से सितंबर तक की अवधि में 450 एमएम या अधिक बरसात हो सकती है। पिछले 20 साल में यह तीसरी बार होगा कि जब माॅनसून जल्दी आएगा। इससे पहले वर्ष 2000 में 23 जून को दस्तक दी थी, तब प्रदेश में 436 एमएम, 2008 में 13 जून को माॅनसून आया था, तब 536 एमएम, 2013 में 16 जून को माॅनसून ने हरियाणा में दस्तक दी थी, तब माॅनसून सीजन में 356 एमएम बरसात हुई थी।
इधर किसानों ने धान की रोपाई तेज कर दी है। कृषि अधिकारियों के अनुसार मजदूरों की कमी के बावजूद करीब एक लाख हेक्टेयर में रोपाई हो चुकी है, जबकि खरीफ सीजन में करीब 12 लाख हेक्टेयर में फसलें बोई जा चुकी हैं।
दिन-रात की गर्मी उफान पर, हिसार में पारा 43 डिग्रीपार
प्रदेश में गर्मी का प्रकोप लगातार जारी है। दक्षिणी-पश्चिमी हरियाणा के जिलों में लगातार तीसरे दिन पारा 40 डिग्री के पार रहा। हिसार में यह 43.5 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री अधिक रहा। जबकि सिरसा में रात का तापमान 32.5 डिग्री तक पहुंच गया। करनाल में यह 38.8 व अम्बाला में 39.0 डिग्री रहा। एनसीआर के फरीदाबाद व गुड़गांव में तापमान 40 डिग्री के पार ही रहा।
आठ बार जून के आखिरी सप्ताह में आया
माॅनसून ने 19 साल में जून के आखिरी सप्ताह में दस्तक दी है। 2000 में 23, 2001 में 26, 2003 में 27, 2006 में 30, 2007 में 26, 2009 में 30, 2011 में 25, 2015 में 25 व 2018 में माॅनसून ने 28 जून को दस्तक दी थी।
460 एमएम होती है बरसात
हरियाणा में सालभर में 5.20 एमएम बरसात होती है, जबकि माॅनसून सीजन में 460 एमएम बरसात होती है। अमूमन पिछले 10 सालों मेंमाॅनसून सीजन में बरसात का आंकड़ा 400 एमएम भी पार नहीं कर पा रहा। खरीफ सीजन में 30.95 लाख हेक्टेयर में फसलें बोई जाती हैं।
आगे क्या: 20 व 21 जून को प्रदेश के कुछ इलाकों में प्री-माॅनसून की बौछार पड़ सकती हैं। इससे पारा कुछ कम हो सकता है। जबकि 23 या 23 के बाद किसी भी समय माॅनसून आ सकता है। ऐसे में लोगों को गर्मी से काफी हद तक निजात मिलेगी।
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