यह एक आम मिथक है कि स्कॉलरशिप्स सिर्फ उन्हीं स्टूडेंट्स को मिलती हैं जो पढ़ाई में अव्वल होते हैं और जिन्हें आगे पढ़ने व करिअर बनाने के लिए आर्थिक सहायता चाहिए होती है। सच तो यह है कि देश में ऐसी टैलेंट-बेस्ड स्कॉलरशिप्स भी मौजूद हैं जो क्रिएटिविटी में रुचि रखने वाले स्टूडेंट्स को कला में आगे बढ़ने के मौके देती हैं। इनके जरिए आप आर्थिक सहायता तो पा ही सकते हैं, साथ ही आपको अपने उन्नत प्रशिक्षण के लिए शिक्षक भी मिलेंगे।
ये स्कॉलरशिप्स कला के विभिन्न आयामों जैसे म्यूजिक, डांस, आर्ट, राइटिंग आदि के लिए दी जाती हैं। लेकिन हां, सरकारी व निजी, दोनों ही स्तरों पर मिलने वाली इन स्कॉलरशिप्स को पाने के लिए आपका अपनी कला के क्षेत्र में समर्पित होना जरूरी है। इसके लिए इनमें से कुछ स्कॉलरशिप्स की शर्तें थोड़ी कठिन जरूर रखी गई हैं, लेकिन अगर आप कला के प्रति समर्पित हैं तो इन्हें पूरा करने की काबिलियत रखते होंगे।
स्कीम फॉर द अवॉर्ड ऑफ स्कॉलरशिप्स टु यंग आर्टिस्ट्स
यह स्कॉलरशिप हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत, शास्त्रीय नृत्य, सुगम शास्त्रीय संगीत, दृश्य कला, रंगमंच, लोक, पारंपरिक व देशज कलाओं आदि में अपनी प्रतिभा दिखाने वाले युवाओं को संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से दी जाती है। आमतौर पर नवंबर-दिसंबर में ओपन होने वाली इस स्कीम में पिछले वर्ष 400 स्कॉलरशिप्स उपलब्ध कराई गई थीं। इसके तहत दो वर्षों तक ट्रैवलिंग, बुक्स, आर्ट मटीरियल व ट्यूशन या ट्रेनिंग चार्जेज के लिए 5,000 रुपए प्रतिमाह दिए जाने के साथ ही किसी संस्थान अथवा गुरु से बेहतरीन ट्रेनिंग भी दिलवाई जाती है।
इस स्कीम में चुने जाने के लिए आपकी आयु 18 से 25 वर्ष होने के साथ ही आपका कम से कम 5 वर्षों तक प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने क्षेत्र में प्रवीणता हासिल किया हुआ होना जरूरी है। इसके लिए आप केवल ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
सांस्कृतिक प्रतिभा खोज छात्रवृत्ति योजना
राष्ट्रीय स्तर पर संस्कृति मंत्रालय की इस स्कॉलरशिप का उद्देश्य है विभिन्न सांस्कृतिक क्षेत्रों (म्यूजिक, डांस, ड्रामा, पेंटिंग, स्कल्पचर, क्राफ्ट्स व लिटरेरी एक्टिविटीज) में प्रवीण 10 से 14 वर्षीय प्रतिभावान बच्चों को प्रशिक्षण मुहैया कराना। इसके तहत प्रतिवर्ष 650 स्कॉलरशिप्स दी जाती हैं। आरम्भ में दो वर्षों के लिए दी जाने वाली इस स्कॉलरशिप को स्टूडेंट के पहली यूनिवर्सिटी डिग्री प्राप्त करने या 20 वर्ष की आयु होने तक हर दो वर्ष बाद रिन्यू किया जा सकता है।
इसके अलावा इसमें 3,600 रुपए प्रतिवर्ष के साथ प्रशिक्षण के लिए दी गई फीस के रीइम्बर्समेंट के लिए अधिकतम 9,000 रुपए प्रतिवर्ष भी दिए जाते हैं। हालांकि स्कीम में उन्हें प्राथमिकता दी जाती है जिनके अभिभावकों की मासिक आय 8,000 रुपए से कम हो। इसके लिए ऑफलाइन आवेदन किया जा सकता है।
माधबी चैटर्जी मेमोरियल फैलोशिप
वर्षभर ओपन रहने वाली यह स्कॉलरशिप संस्कृति फाउंडेशन की ओर से दी जाती है। इसमें उन युवा कलाकारों से एप्लिकेशंस मांगी जाती हैं जो हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत व नृत्य कला में अपना योगदान देने की इच्छा रखते हैं ताकि वे इसके तहत दी जाने वाली ग्रांट की मदद से अपना पोटेंशियल विकसित करने के साथ अपनी स्किल्स को परफेक्ट कर सकें। इसके लिए एप्लिकेंट्स का अब तक अपने कला क्षेत्र में कुछ वर्ष का औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त कर कम से कम 2-3 सोलो परफॉर्मेंसेज दिया हुआ होना जरूरी है।
दस माह की अवधि वाली इस फैलोशिप में एक लाख रुपए की ग्रांट दो इंस्टॉलमेंट्स में प्रदान की जाती है। साथ ही फैलोज को किसी ऐसे स्रोत से गाइडेंस लेने की सुविधा दी जाती है जो उन्हें अन्य जगह उपलब्ध नहीं होती। यह दस माह की अवधि में फैला कम से कम तीन माह का रेजीडेंसी प्रोग्राम है। आवेदन ऑनलाइन व ऑफलाइन किया जा सकता है।
मणि मान फैलोशिप
यह फैलोशिप हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में युवा म्यूजिशियंस को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से दी जाती है ताकि वे किसी प्रतिष्ठित गुरु के सान्निध्य में यह कला सीख सकें और उनके पास इसके प्रति समर्पित होने के लिए रिसोर्सेज व समय हों। हालांकि संस्कृति फाउंडेशन की यह फैलोशिप महिलाओं व पुरुषों, दोनों के लिए ओपन है, लेकिन इसमें खासतौर पर महिला एप्लिकेंट्स को प्रोत्साहित किया जाता है।
इसके लिए 25 से 40 वर्षीय भारतीय नागरिकों का किसी यूनिवर्सिटी या इंस्टीट्यूशन से अपनी कला में डिग्री या डिप्लोमा और/अथवा हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में कम से कम 10 वर्ष का शुरुआती प्रशिक्षण प्राप्त किया हुआ होना जरूरी है। इसके अलावा यह भी आवश्यक है कि आप 2-3 सोलो परफॉर्मेंसेज दे चुके हों। इस एक वर्ष की फैलोशिप के तहत दो चरणों में कुल एक लाख रुपए की ग्रांट मुहैया कराई जाती है। पूरे वर्षभर ओपन रहने वाली इस फैलोशिप के लिए आप ऑनलाइन व ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं।
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