इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT), इंदौर ने संस्कृत के भारत के पुरातन वैज्ञानिक ग्रंथों को मूल भाषा में पढ़ने और मूल रूप में समझने के लिए एक विशेष कोर्स शुरू किया है। प्राचीन ज्ञान को फिर से उजागर करने के मकसद से इस कोर्स की शुरुआत की जा रही है। इस बात की एक अधिकारी ने जानकारी दी। संस्कृत भारती मध्य क्षेत्रम सहित आईआईटी बॉम्बे और आईआईटी इंदौर के विषय विशेषज्ञ इस कोर्स के तहत लोगों को भारत के पुरातन साहित्य का ज्ञान संस्कृत में दे रहे हैं। यह कोर्स अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) द्वारा प्रायोजित है, जो 22 अगस्त से 2 अक्टूबर तक चलेगा।
62 घंटे होंगी ऑनलाइन क्लासेस
इस कोर्स में 62 घंटे ऑनलाइन क्लासेस होंगी, जिसके लिए दुनियाभर से करीब 750 स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया है। आईआईटी इंदौर के कार्यवाहक निदेशक प्रोफेसर नीलेश कुमार ने बताया कि भारत के प्राचीन ग्रंथों में गणितीय और वैज्ञानिक ज्ञान की समृद्ध विरासत है, जिससे वर्तमान पीढ़ी अनजान है। इस पाठ्यक्रम में प्रतिभागियों को अनुसंधान, नवाचार, अध्ययन और संस्कृत में गणित और विज्ञान पढ़ाया जा रहा है। कोर्स को दो भागों में बांटा गया है।
दो भागों में होगी पढ़ाई
पहले हिस्से में प्रतिभागियों को भाषा की समझ बनाने के लिए संस्कृत की बारीकियां सिखाई जाएंगी। वहीं, दूसरे हिस्से में उन्हें संस्कृत में शास्त्रीय गणित पढ़ाया जाएगा। पाठ्यक्रम के दूसरे भाग में शामिल प्रतिभागियों का मूल्यांकन करने के लिए एक पात्रता परीक्षा भी आयोजित की जाएगी। इसमें सफल होने वाले स्टूडेंट्स को एक सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। दूसरे भाग में आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर के. रामसुब्रमण्यम और आईआईटी बॉम्बे के ही डाॅ. के. महेश इसके बारे में चर्चा कर रहे हैं। संस्कार भारती के प्रमोद पंडित, मयूरी फड़के और प्रवेश वैष्णव कोर्स के पहले भाग के इंस्ट्रक्टर हैं।
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