जिले में काेराेना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। बुधवार काे सुखदेव नगर का 49 वर्षीय और काबड़ी का 39 वर्षीय पुरुष पाॅजिटिव मिले। वहीं 4 मरीज ठीक भी हुए। सुखदेव नगर के मरीज इलाज प्राइवेट अस्पताल में चलेगा। काबड़ी निवासी व्यक्ति कुछ दिन पहले ही गुरुग्राम से लाैटा था, उसने सतर्कता के ताैर पर सैंपल दिए थे। लक्षण नहीं हाेने के कारण उसे हाेम आइसाेलेशन में रखा है। यह जिले का चाैथा केस है, जिसका इलाज घर पर रखकर किया जाएगा। इसके लिए स्थानीय आशा वर्कर भी राेजाना रिपाेेर्ट करेंगी।
जिले में अबतक 111 मामले आ चुके हैं। इसमें से 82 ठीक हो चुके हैं। 5 लाेगाें की माैत हुई है। कुल 24 केस एक्टिव बचे हैं, जिनका इलाज अस्पताल, खानपुर, गुरुग्राम और हाेम आइसाेलेशन में चल रहा है।
मई जितने केस जून के 17 दिनाें में मिले: मई में जिले में कुल 49 पाॅजिटिव केस मिले थे और जून में इतने ही केस आने में सिर्फ 17 दिन लगे हैं। यानी केस लगभग तीन गुना मिल रहे हैं। मई में मिले 49 केसाें में 3 मरीजों की मौत हुई थी, जबकि जून में 2 की माैत अब तक हाे चुकी है।
हालांकि रिकवरी केस भी जल्दी से बढ़ रहे हैं। इस माह में ही मिले 49 केसाें में 23 की छुट्टी भी हाे चुकी। चिंता है कि अगर केस ऐसे ही मिलते रहे तो जुलाई के अंत तक जिले में मरीजों की आंकड़ा 400 से ऊपर हाे जाएगा। बुधवार को मुखीजा कॉलोनी वासी 22 वर्षीय महिला, समालखा वासी 33 वर्षीय पुरुष, उग्राखेड़ी वासी 58 वर्षीय महिला और स्थानीय वार्ड 10 वासी 62 वर्षीय महिला को ठीक होने पर अस्पताल से छुट्टी मिली।
3 स्टेज से समझें कैसे बढ़ता है वायरस
- यह सबसे शुरुआती स्टेज होती है। कोरोनावायरस शरीर में अपनी संख्या बढ़ाना शुरू करता है और इस दौरान हल्के लक्षण दिखते हैं। जो भ्रमित करते हैं कि मरीज फ्लू का रोगी है या कोविड-19 का।
- इसे पल्मोनरी फेज भी कहते हैं, जब इम्यून सिस्टम पर संक्रमण का असर दिखता है तो सांस से जुड़ी दिक्कत पैदा करता है। जैसे लगातार सूखी खांसी, सांस लेने में तकलीफ, ऑक्सीजन का स्तर कम होना शुरू हो जाता है। कुछ मामलों में खून के थक्के भी बनना शुरू होते हैं।
- इसे हायरइंफ्लामेट्री फेज कहते हैं, जब रोगों से बचाने वाला इम्यून सिस्टम ही हार्ट, किडनी और दूसरे अंगों को डैमेज करने लगता है। इसे सायटोकाइन स्टॉर्म कहते हैं, ऐसी स्थिति में शरीर खुद की कोशिकाओं और उतकों को नुकसान पहुंचाने लगता है।
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