फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन और निसा (नेशनल इंडीपेंडेंट स्कूल अलायंस) ने सरकार पर आरोप लगाया कि वे निजी स्कूल संचालकों के साथ भेदभाव कर रही है। आधारहीन व गैरकानूनी आदेश जारी कर रही है। इससे निजी स्कूलों का बजट व अस्तित्व खतरे में है।
एसोसिएशन प्रदेशाध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने चंडीगढ़ में पत्रकारवार्ता में कहा कि अगर सरकार ने मनमानी जारी रखी, तो असहयोग शुरू कर देंगे। स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट (एसएलसी) के मामले में निसा ने हाईकोर्ट में याचिका डाली है।
अब कर्जदार स्कूल संचालकों के पास कोई रास्ता नहीं है। इसीलिए सरकार तुरंत राहत पैकेज का एलान करे। उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना संक्रमण और लाकडाउन में तनाव झेलने वाले बच्चों को डर व तनाव में डालकर मजाक कर रही है। परीक्षाओं को लेकर असमंजस के हालत को पूरी तरह से साफ किया जाए।
बच्चे और अभिभावकों के सामने इस समय अपना जीवन बचाने का संकट है। लेकिन राज्य सरकार तनाव व भययुक्त परीक्षा कराना चाहती है। हम सीएम, शिक्षा मंत्री से स्टैंड साफ करने की मांग करते हैं।
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