सिहोरा विकासखंड के अंतर्गत ग्राम कछपुरा में संचालित कृत्रिम पशु गर्भाधान केंद्र कछपुरा का भवन बदहाल हो गया है। पूरी छत का प्लास्टर उखड़ गया है। दीवारों की छपाई उखड़ गई है, फर्श में जगह-जगह बड़े गड्ढे हो गए हैं। खिड़की-दरवाजा खराब स्थिति में हो गए हैं। छत की निकली सरिया देख कर लगता है कि कभी भी भवन की छत भरभरा कर गिर जाएगी।
32 साल पहले हुआ था निर्माण-
उक्त भवन 26 मई 1988 को बना था। 32 साल पुराने भवन की जर्जर हालत देखकर सवाल यह खड़ा होता है कि आने वाली बारिश में इस संस्था में पदस्थ पशु कर्मचारी कहां पर बैठकर इस संस्था का संचालन करेंगे। दहशत भरे माहौल में यहां पदस्थ कर्मचारी अपनी नौकरी करते हैं। उनके दिमाग में हमेशा भय व्याप्त रहता है की कोई अनहोनी ना घट जाए।
कमरों में भर जाता है पानी, दवाईयां व रिकार्ड हो जाते हैं नष्ट
यहां पर पदस्थ पशु क्षेत्र अधिकारी शशांक दुबे शिवकुमार काछी ने बताया कि बारिश के मौसम में पूरा भवन टपकता है जिससे कमरों में पानी भर जाता है। औषधालय में रखी दवाइयां रिकार्ड व अन्य आवश्यक सामग्री पानी में नष्ट हो जाती है। अनेक बार ग्राम पंचायत कछपुरा के सरपंच व जन प्रतिनिधियों द्वारा ग्राम सभा के माध्यम से नए भवन बनाने का संकल्प पारित कर प्रस्ताव पशु चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपा जा चुका है।
अनेक बार विभाग के द्वारा नए भवन की स्वीकृति हेतु वल्लभ भवन में पत्राचार किया गया परंतु नया भवन स्वीकृत नहीं किया गया। इस भवन की स्थिति देखकर यह भवन कबाडख़ाना सा प्रतीत होता है। गांव के पशुपालक रामकृष्ण सिंह चौहान, बृजमोहन पटेल, मुन्ना लाल जैन, गोकुल यादव ने बताया कि मवेशियों का इलाज कराने के लिए केंद्र जाने में डर लगता है। कछपुरा के जनपद सदस्य मनीष पटेल, अधिवक्ता सोहन सोनी, अरविंद पटेल भागचंद पटेल, वीरेंद्र खरे ने बताया कि वर्षा ऋतु के पूर्व बल्लभ भवन में बैठे अधिकारियों द्वारा जर्जर भवनों की जानकारी का प्रपत्र भरवा कर औपचारिकता निभा दी जाती है परंतु प्रशासनिक स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नए भवन की स्वीकृति के लिए उच्चस्तरीय प्रयास नहीं किए जाते।
इनका कहना है
वास्तव में कछपुरा का भवन जर्जर हालत में है। अभी हाल ही में जर्जर भवन की मरम्मत का प्रस्ताव जबलपुर मुख्यालय भेजा गया है।
डॉक्टर नीता मनोचा
विकासखंड पशु चिकित्सा अधिकारी सिहोरा
कृत्रिम गर्भाधान केंद्र कछपुरा का भवन मेरे द्वारा कराए गए सर्वे के अनुसार 90 प्रतिशत जर्जर है जिस के नए भवन की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव बनाकर शीघ्र भोपाल भेजा जाएगा।
डॉ. संतोष कुमार बाजपेई
उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं जबलपुर
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