नरसिंहपुर और अनूपपुर जिले में सरकारी व अन्य निर्माण कार्यों हेतु रेत की आपूर्ति सुनिश्चित करने निजी फर्मों व पुराने ठेकेदारों को रेत के खनन की अस्थायी अनुज्ञप्ति (अनुमति) दिए जाने के मामले में बड़े-बड़े खेल हो गए। मामला नरसिंहपुर जिले में सामने आया, यहां करीब 54,625 घनमीटर रेत के खनन के लिए जून के पहले स्पताह में 33 अस्थायी अनुज्ञप्तियां जारी की गई। ये अनुज्ञप्तियां सप्ताह भर बाद निरस्त कर दी गईं। बावजूद इसके रेत का खनन बेधडक़ जारी है। सवाल उठा तो बचाव की मुद्रा में आए खनिज विभाग के अफसर भोपाल से पोर्टल द्वारा टीपी जारी करना बंद नहीं किए जाने की बात कहने लगे। इससे भी पहले जबकि नरसिंहपुर में अस्थायी अनुज्ञप्तियां जारी की जा रही थीं बखूबी राजनीतिक संतुलन साधा गया। यह ध्यान भी रखा गया कि किसी भी तरह से गोटेगांव इलाके की रेत खदानों को आंच न पहुंचे। लिहाजा जिन 18 रेत खदानों से खनन की अनुज्ञप्तियां जारी की गईं, उनमें सबसे ज्यादा 16 गाडरवारा तहसील की रहीं। करेली व नरसिंहपुर की केवल एक-एक खदान शामिल थी।
वंशिका को सबसे बड़ी अनुमति : रेत के खनन की अस्थायी अनुमतियों में सबसे ज्यादा उपकृत हुआ वंशिका ग्रुप का वंशिका कं स्ट्रक्शन। इसे गाडरवारा की दो रेत खदानों पनागर तथा घघरोला पटना से 8151.32 घनमीटर रेत निकालने अनुमति दी गई। नरसिंहपुर जिले की सीमा में जबलपुर-भोपाल हाइवे का कार्य कर रही कृष्णा इन्फ्रास्ट्रक्चर को दिगसरा से ग्यारह हजार घनमीटर रेत निकालने की 2 अनुज्ञप्तियां जारी की गईं। उक्त 33 अनुज्ञप्तियांें के अलावा 7 अनुज्ञप्तियां पृथक से जोड़े जाने की बात भी सामने आई है।
अनुज्ञप्तियां निरस्त तब भी खनन जारी : नरसिंहपुर की 36 रेत खदानों के समूह का ठेका लेने वाली धनलक्ष्मी मरचंडाईस द्वारा 15 जून को अनुबंध किये जाने के बाद, 16 जून से सभी 33 अनुज्ञप्तियां निरस्त कर दी गई हैं, बावजूद इसके रेत का खनन व परिवहन जारी है। अस्थायी अनुज्ञप्तियों पर खनन की अनुमति मिलने के बाद तय मात्रा के बजाय व्यापक पैमाने पर जिस तरह से रेत खनन हुआ, उसके प्रमाण संसारखेड़ा में देखने को मिलते हैं। संसारखेड़ा से दस दिन के भीतर कई हजार घनमीटर रेत का खनन किया जा चुका है। जिन लोगों ने संसारखेड़ा में काम होते देखा है उनके अनुसार हर दिन सौ से अधिक डंपर/ हाइवा रेत से लोड हो कर यहां से निकले हैं, जबकि यहां से 6,635 घनमीटर रेत की 9 पृथक-पृथक अनुज्ञप्तियां ही जारी की गई थीं।
धनलक्ष्मी मरचंडाईस द्वारा एग्रीमेंट किए जाने के साथ सभी अनुज्ञप्तियां निरस्त की जा चुकी हैं। अनुज्ञप्तिधारियों से अग्रिम रायल्टी राशि जमा कराई गई थी। भोपाल से जैसे दिशा-निर्देश प्राप्त होंगे, आगे कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल भोपाल स्थित पोर्टल से टीपी जारी होना बंद नहीं हुआ है।
- रमेश पटेल, खनिज अधिकारी
अनूपपुर में 27 अनुज्ञप्तियां जारी
अनूपपुर की 22 रेत खदानों के समूह का ठेका लेने वाली के.जी. डेवलपर्स ने अभी एग्रीमेंट नहीं किया है। यहां 8 रेत खदानों से 30 हजार घनमीटर रेत के खनन हेतु 27 फर्मों को अस्थायी अनुज्ञप्ति जारी की गई है। अभी तक दर्जन भर लोगों ने करीब 20 हजार घनमीटर रेत की रायल्टी जमा कराई है। यहां भी अनुज्ञप्तिधारियों ने तय मात्रा सेअधिक रेत का खनन किया। जिला खनिज अधिकारी पीपी राय के मुताबिक इस तरह के तीन प्रकरण सामने आए हैं। तीनों की अनुज्ञप्तियां निरस्त किए जाने का प्रस्ताव भेजा गया है।
अनूपपुर जैसी पहल नरसिंहपुर में होती नहीं दिखती
तय मात्रा से ज्यादा की रेत तो अनुज्ञप्तिधारक ने नहीं निकाली, इसकी निगरानी के जो उपाय अनूपपुर जिले में होते दिखे वे फिलहाल नरसिंहपुर में नजर नहीं आते। अनूपपुर में खदान के मार्गों सहित मुख्य मार्गों पर तो चैकिंग अभियान चल ही रहा है माइनिंग की टीम राजस्व व पुलिस अमले के साथ खदानों का भी निरीक्षण कर रही है। नरसिंहपुर में ऐसा होता नहीं दिखा। संसारखेड़ा में अवैध खनन को लेकर हल्ला मचने पर पटवारी भेज कर सीमांकन जरूर कराया गया। खदानों व रेत के वाहनों की निगरानी, निरीक्षण की बड़ी पहल यहां नहीं हुई। मंगलवार को खनिज विभाग ने जो कार्रवाई की वह केवल चार घनमीटर रेत से भरे एक ट्रैक्टर-ट्राली की थी। बुधवार को भी खनिज महकमा सक्रिय नहीं हुआ जबकि उसे सभी अनुज्ञप्तियां निरस्त हो जाने के बाद भी संसारखेड़ा सहित अन्य खदानों से रेत का खनन व परिवहन किये जाने की सूचना मिल चुकी थी। कलेक्टर वेदप्रकाश ने जरूर बुधवार देर शाम रात के समय (शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक) रेत के परिवहन पर रोक संबंधी आदेश जारी किए। सूचनातंत्र मजबूत करने और अवैध रेत उत्खनन को रोकने उड़न दस्ता गठित करने के भी निर्देश दिए।
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