
(सतनाम सिंह)मार्च में लॉकडाउन हाेने से लेकर अनलॉक टू अब तक प्रदेशभर में घरेलू हिंसा, पढ़ाई काे लेकर बच्चों में डिप्रेशन और पत्नी के साथ मारपीट कर जबरन संबंध बनाने के मामले बढ़े हैं। अब तक ऐसे करीब 40 से ज्यादा मामलों की शिकायत हरियाणा राज्य बाल संरक्षण आयोग सदस्य डाॅ. प्रतिभा सिंह के पास आ चुकी हैं। उन्होंने ज्यादातर मामलों काे काउंसिलिंग कर निपटाया, जबकि अभी भी कई मामलों में चल रही हैं।
डाॅ. प्रतिभा सिंह काे सरकार ने सोशल वर्कर के ताैर पर प्रदेशभर से काेविड-19 महामारी के दाैरान महिलाओं की समस्याओं काे लेकर आने वाली काॅल पर काउंसिलिंग की जिम्मेदारी दी है। वह हरियाणा राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य हैं। उनके अंतर्गत अम्बाला, यमुनानगर, पंचकूला आता है। डाॅ. प्रतिभा सिंह ने बताया कि अभी भी उनके पास राेजाना 2 से 3 काॅल प्रदेशभर से आ रही हैं।
पहले भी उनके पास साेनीपत, करनाल, अम्बाला कई जगह से काॅल आ चुकी हैं। वहीं, कुछ माताओं की चिंता थी कि उनके बच्चे ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं। वह डिप्रेशन का शिकार हैं या उनकी बात नहीं मान रहे हैं। बच्चा जिद्दी हो रहा है। उनके व्यवहार में परिवर्तन आ रहे हैं। इस तरह की समस्याओं काे लेकर भी बच्चों से बात की गई।
महिला बाेली- पति शारीरिक संबंध बनाने के लिए मारपीट करता है
पंचकूला क्षेत्र में एक गांव से महिला ने काॅल कर अपनी शिकायत दर्ज करवाई। महिला का कहना था कि वह सारा दिन घर का काम करती है। घर का ज्यादा काम हाेने से वह थक जाती है। पति सारा दिन घर पर फ्री रहता है। वह उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाने के लिए मारपीट करता है। इस शिकायत के बाद आयोग सदस्य ने उसके पति की दाे से तीन बार काउंसिलिंग की। पति काे पत्नी के साथ घर के कार्याें में हाथ बंटाने के लिए प्रेरित किया गया। पति ने अपनी गलती काे माना। बाद में पीड़ित महिला ने काॅल कर आयोग सदस्य का उसकी सहायता करने के लिए आभार जताया।
प्राइवेट स्कूल एसएलसी देने के नाम पर मांग रहा था 3 गुना पैसा
अम्बाला की ही एक महिला ने काॅल कर बताया कि वह अपने बेटे का एडमिशन प्राइवेट स्कूल से सरकारी स्कूल में करवाना चाहती है, लेकिन स्कूल वाले एसएलसी जारी नहीं कर रहे। आयोग सदस्य ने स्कूल से बातचीत की। उन्होंने स्कूल संचालक से जितनी जायज फीस फंड बकाया था, वह लेकर एसएलसी जारी करने के लिए कहा। तब जाकर उनकी समस्या का समाधान हाे सका।
पति की डेथ हाे गई थी, बेटा घर से बाहर ही दाेस्ताें के साथ घूमता रहता है
अम्बाला की एक महिला ने बताया कि उसके पति की डेथ हाे चुकी है। उसका 18 साल का बेटा है। काेराेना महामारी फैल रही है। उसका बेटा लॉकडाउन हाेने की स्थिति में ही बाहर दाेस्ताें के साथ घूमता रहता है। दाेस्ताें का काॅल आते ही घर से निकल जाता है। बच्चे से बातचीत कर समझाया कि उसके पिता नहीं है। अपनी मां का ख्याल रखें और अपने करियर की तरफ ध्यान दे। अपने घर की जिम्मेदारी भी निभाए। अब बच्चा पहले से ठीक चल रहा है।
पति की डेथ हाे गई थी, आईटेंडिटी शाे करने के लिए बनवाना था लाइसेंस
महिला का पति मुंबई में मर्चेंट नेवी में प्राइवेट कंपनी में काम करता था। महिला के पति काे कैंसर था। उसकी डेथ हाे गई थी। महिला पति काे लेकर पंचकूला आई थी। महिला काे अपनी आईटेंडिटी शाे करने के लिए लाइसेंस बनवाना था। महिला के पास दाे छाेटे बच्चे हैं। इसलिए वह काफी परेशान थी। महिला ने आयोग सदस्य काे काॅल किया। आयोग सदस्य ने महिला के साथ जाकर चंडीगढ़ प्रशासन के सहयोग से महिला का लाइसेंस बनवाया। इसके लिए काफी समस्याएं सामने आई।
इधर, स्कूलों की ऑनलाइन पढ़ाई पर सवाल उठा रहे अभिभावक
पंचकूला से एक व्यक्ति ने डा. प्रतिभा सिंह काे काॅल किया। उन्हाेंने बताया कि उनकी बच्ची तीसरी कक्षा में पढ़ती है। अभी 8 साल की है। स्कूल उसे 40-40 मिनट की 3 ऑनलाइन कक्षाएं लगवा रहा है। इसके बाद एक घंटे का हाेमवर्क देता है। बच्ची मशीन की तरह ऑनलाइन स्क्रीन देखने में लगी है। उसे कुछ समझ भी नहीं आ रहा।
ससे उसकी आंखाें पर भी असर पड़ रहा है। उसका व्यवहार भी चिड़चिड़ा हाे रहा है। उसे खेलने काे भी नहीं मिलता। इसके बाद पेरेंट्स की इस शिकायत काे उन्हाेंने स्टेट कमिशन की बैठक में रखा ताकि बात सरकार तक पहुंच सके। पेरेंट्स की मांग थी कि ऑनलाइन पढ़ाने का समय कम किया जाए और बच्चाें काे मनाेरंजक तरीके से पढ़ाया जाए।
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