1 सितंबर को अमेजन प्राइम वीडियो पर मलयाली सुपरस्टार फहद फाजिल की फिल्म ‘सी यू सून’ आ रही है। थ्रिलर फिल्मों को चाहने वाले सोशल मीडिया पर वह खासी चर्चा में है। इसे स्क्रीन बेस्ड थ्रिलर कहा जा रहा है। पूरी फिल्म लॉकडाउन में बनी है। एक युवक सोशल मीडिया के जएिर ऐसी लड़की के प्यार में पड़ जाता है, जो अचानक गुम हो जाती है और सुसाइड का प्रयास करती है। हीरो के पास उसका कोई संपर्क नहीं है। फिर हीरो यानी फहाद फाजिल कैसे इस केस को क्रैक करते हैं, वह इसकी कहानी है। डायरेक्टर महेश नारायण ने इसके निर्माण का किस्सा दैनिक भास्कर से शेयर किया है।
इस फिल्म का टाइटल कैसे आया?
यह आमतौर पर इंटरनेट पर चैट का एक तकियाकलाम है। खासकर जब हम या आप बातचीत पर पूर्णविराम लगाना चाहते हैं तेा यह फ्रेज यूज किया जाता है। वहीं से टाइटल आया।
इस थ्रिलर का आईडिया कैसे आया?
मैंने अपने करियर में ज्यादातर थ्रिलर फिल्में ही बनाई हैं। मेरी ‘मालिक’ भी थ्रिलर ही थी। यह जरूर पहली ऐसी थ्रिलर है, जो स्क्रीन बेस्ड है। बस यही फर्क है। मेरे लिए कहानी का एंगेजिंग और सवालों से भरा होना जरूरी होता है। दर्शक सवाल करते रहें कि अगले सीन में क्या होगा। तभी मैं इसी जॉनर को चुनता हूं।
शूटिंग कितने दिनों में पूरी हुई?
हम लोगों ने 18 से 20 दिनों में पूरी कर ली थी।
सेट पर क्या तैयारी रहती थी?
कोविड प्रोटोकॉल तो हम सबने पूरा फॉलो किया। केरल सरकार के निर्देशों का पूरा पालन किया। सेट पर कलाकारों को मिलाकर सिर्फ 15 लोगों के क्रू की परमिशन थी।
सस्पेंस वाली कहानी में राइटर खुदकी क्यूरियोसिटी कैसे बनाए रख सकता है?
देखिए लेखक को अपनी कहानी का एंड पता होता है। पर जब वह थ्रिलर लिख रहा है तो स्क्रीनप्ले राइटिंग की बात आती है। वह स्टोरी राइटिंग से अलग विधा है। मैं स्क्रीनप्ले तब लिखना शुरू करता हूं, जब मुझे अपनी कहानी का अंत पता होता है। मैं फ्रेम सेट कर लेता हूं दिमाग में। कागजों पर रफ लाइन लिखता रहता हूं। उससे पता चलता रहता है।
कैसे कैरेक्टर को जीते हैं फहाद फाजिल
फहाद की खूबी है कि वह कैरेक्टर को बड़ी तेजी से पकड़ लेते हैं। वह अपनी रिसर्च करते हैं, पर कैरेक्टर से जुड़े लोगों से कम मिलते हैं। हम दोनों के बीच एक अलग रैपो भी है, जहां एक दूसरे के लिए बदलने का तैयार रहते हैं। वो मेथड एक्टिंग में यकीन रखते हैं, पर समय समय पर स्पॉन्टेनियस भी हो जाते हैं।
बॉलीवुड में किन फिल्ममेकर की फिल्म के फैन हैं?
इस पीढ़ी की बात करें तो मैं दिबाकर बनर्जी, नीरज पांडे, सुजॉय घोष और कई फिल्मकारों का फैन हूं। इनमें से कई मेरे बहुत अच्छे दोस्त भी हैं।
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